नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है
अनुज कुमार
हमारे शरीर में आंखे बह अंग है जिसका सबसे अधिक उपयोग किया जाता है इसी के कारण हम वस्तुओ को देख सकते है बैसे तो प्रक्रति ने हमारी आँखों की Rachaa का प्रवंद बहुत ही अच्छे से किया है आँखों की बनाबट इस प्रकार की है की हडियो से बने हुए कटोरे आँखों की रच्छा करते है.
आँखों के आगे जो पलके होती है बो हमारी आँखों की रच्छा धुल मिटटी धुआ अन्य चीजो से हमारी रच्छा करती है .
आँखों की अन्दरुनी बनाबट भी इसी प्रकार की है पूरी उम्र भर आंखे बिलकुल स्वस्थ रह सकती है
सिर्फ आँखों की अन्दरुनी रच्छा के लिए उचित आहार की अब्य्सकता हो सकती है बैसे सभी व्यक्तियों की आंखे भिन्न भिन्न प्रकार की होती है समानता देखा जाये तो आंखे इस प्रकार की होती है की बे सभी बस्तुये आसानी से देख सके आजकल सबी व्यक्तियों को मजबूरी में वस्तुओ को पास से देखना पढता है
आँखों के आंसुओ में लाइसोजेल नामक एक एंजाइम होता है जो आँखों के रच्छा का काम करता है .
आइये जानते है आँखों में होने बाले कुच्छ रोग इस प्रकार है.
1. आँखों से पानी आना!
2.आँखों में सुजन होना !
3. आँखों का लाल होना !
4. आँखों में जलन होना !
अनुज कुमार
हमारे शरीर में आंखे बह अंग है जिसका सबसे अधिक उपयोग किया जाता है इसी के कारण हम वस्तुओ को देख सकते है बैसे तो प्रक्रति ने हमारी आँखों की Rachaa का प्रवंद बहुत ही अच्छे से किया है आँखों की बनाबट इस प्रकार की है की हडियो से बने हुए कटोरे आँखों की रच्छा करते है.
आँखों के आगे जो पलके होती है बो हमारी आँखों की रच्छा धुल मिटटी धुआ अन्य चीजो से हमारी रच्छा करती है .
आँखों की अन्दरुनी बनाबट भी इसी प्रकार की है पूरी उम्र भर आंखे बिलकुल स्वस्थ रह सकती है
सिर्फ आँखों की अन्दरुनी रच्छा के लिए उचित आहार की अब्य्सकता हो सकती है बैसे सभी व्यक्तियों की आंखे भिन्न भिन्न प्रकार की होती है समानता देखा जाये तो आंखे इस प्रकार की होती है की बे सभी बस्तुये आसानी से देख सके आजकल सबी व्यक्तियों को मजबूरी में वस्तुओ को पास से देखना पढता है
आँखों के आंसुओ में लाइसोजेल नामक एक एंजाइम होता है जो आँखों के रच्छा का काम करता है .
आइये जानते है आँखों में होने बाले कुच्छ रोग इस प्रकार है.
1. आँखों से पानी आना!
2.आँखों में सुजन होना !
3. आँखों का लाल होना !
4. आँखों में जलन होना !
5.आंखों में एलर्जी होना !
6.आंखों में खुजली होना!
इसके अलाबा अधिक शराब पीने व विभिन्न प्रकार की दवाईओ के सेवन से आंखों में बहुत ही बढ़ी बीमारी का रूप ले सकती है जैसे मोतिया विन्द होना सबलवाई और कंजताविटीसी होना आदि है।
मनुष्य के शरीर की आंखें काफी संवेदनशील होती हैं अधिक टेलीविजन देखने और रात को ज्यादा देर तक जागने से आंखों पर बहुत ही स्ट्रेस पड़ता है जो कि शरीर बा आंखों के लिए काफी नुकसान दे है
कुछ घरेलू नुख्से अपनाकर आंखों में होने वाली छोटी मोटी बीमारियों को दूर किया जा सकता है
सबसे पहले यदि आंखों में किसी भी प्रकार की बीमारी की आशंका हो रही है तो उसे हल्के में ना लें
तुरंत ही किसी डॉ से सलाह ले व् उपचार कराये. https://eyelenc.blogspot.com/2017/12/blog-post_15.html
तुरंत ही किसी डॉ से सलाह ले व् उपचार कराये. https://eyelenc.blogspot.com/2017/12/blog-post_15.html
2 comments:
h
Good
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